NEW STEP BY STEP MAP FOR BHOOT KI KAHANI

New Step by Step Map For bhoot ki kahani

New Step by Step Map For bhoot ki kahani

Blog Article

Bhoot ki kahani

फकौली के छोटे से भूले-बिसरे शहर में रेलवे स्टेशन के पास एक बहुत पुराना, टेढ़ा-मेढ़ा पेड़ था। शहर के लोग उससे दूर रहते थे, और […]

एक महीना देखता हूं, फिर बात कर लूंगा ट्रांसफर की। उसका यहां नौकरी करने का बिल्कुल भी मन नहीं था। हाथ में लालटेन लिए और दूसरे हाथ में डंडा पकड़े हुए वह प्लैटफॉर्म के चक्कर लगा रहा था। बीच बीच में सीटी बजा देता। एक रात की बात है। उस रात गार्ड फोन पर उसके अलावा और कोई नहीं था।

हमने बोला कि ठीक है । रात में मेरे सारे मित्र मेरे घर आए आज तो पांचवा आदमी भी खिड़की से अंदर आकर बैठ गया । साथ में ताश खेला और बीड़ी भी पिया जब खेल खत्म हो गया । तो वह खिड़की से बाहर जाने लगा तभी मैंने आवाज दी काका कल फिर से आओगे । उसने कुछ नहीं बोला ।इतना सब होने के बाद उसने हमें कोई नुकसान नहीं पहुंचाया था। हमारे एक मित्र ने उसके मुंह पर टॉर्च जलाई ।

राम और सोनू ने श्राप तोड़ने और कुत्ते को बचाने का फैसला किया। उन्हें पता चला कि ऐसा करने का एकमात्र तरीका गुफा की गहराई में छिपी एक पहेली को सुलझाना था। अपने दिमाग का इस्तेमाल करके उन्होंने पहेली को समझ लिया और कुत्ते को उसकी पीड़ा से मुक्त करते हुए अभिशाप को तोड़ दिया।

जैसे-जैसे वे गहराई में जाते गए, पानी टपकने की आवाज गूंज उठी, जिससे माहौल और भी डरावना हो गया। अचानक, उन्होंने एक धीमी गड़गड़ाहट सुनी, और उन्हें अंधेरे में चमकती हुयी आँखें दिखी।

आज भी पमिनाबहन के वंशज-परिवार जन उस मकान में शांति से रह रहे हैं, और इस घटना के उपचार के बाद आगे कभी उस घर में कोई असामान्य घटना नहीं हुई है।

चालाक चिड़िया ने कैसे एक आदमी को बेवक़ूफ़ बनाया और दिया जीबन के तीन अनमोल सीख

अंत में हार कर पमिनबहन और उनके परिवार ने घर छोड़ के वहाँ से चले जाने का फैसला कर लिया।

तभी मेरी नजर ऊपर गई और मैंने देखा की धुआ जैसा कुछ उठ रहा है । तब मैंने अपनी मां को जगाया और माँ को बोला माँ ऊपर देखो । यह काला काला धुंआ जैसा क्या उठ रहा है। मेरी मां समझ गई ।

“हिन्दू धर्म शास्त्रो के मुताबिक अगर किसी व्यक्ति का मोह मरने के बाद किसी वस्तु में रह जाए तो उसके छुटकारे के लिए जरूरत मंद व्यक्तियों को दान दिया जाता है, और अतृप्त व्यक्ति की आत्मा के छुटकारे के लिए खास पूजा-अर्चना और शांति पाठ किए जाते हैं।”

 सड़क एकदम खाली था और चारो तरफ सन्नाटा छाया हुआ था दूर दूर तक एक भी आदमी नज़र नहीं आ रहा था , सड़क के किनारे घाना जंगल और पहाड़ भी थे जो अपने आप मैं भी एक डर जैसा माहौल बना रहे थे लेकिन मुझे इन से क्या फर्क पड़ता मैं तो बस मस्ती मैं अपनी बाइक चला रहा था ।

यह भी पढ़ें: पहेली बूझो तो जाने उत्तर के साथ

ध्यान दें: यह सब कहानी काल्पनिक है। इन कहानी से किसी भी व्यक्ति और स्थान से कोई सबंध नहीं है।

लेकिन ये हो कैसे सकता है बाइक की गति तेज थी इसलिए उतरने का तो कोई चांस ही पैदा नहीं होता। .

Report this page